शिवाय तुमने मुझमें धूनी रमाई!!
पहन गेरुआ बाना जैसे सिंदूरी शाम मुस्कराई,
विस्तृत गगन सी तेरी बाहें मानसरोवर सी नेत्रों की गहराई,
निर्मल शांत और निश्छल.....
प्रेम का अलख जगा कर,
शिवाय तुमने मुझमें धूनी रमाई।।
शिवाय त्वम मम् सर्वस्व
🙏
शिव रात्रि महा पर्व की शुभ कामनाएँ
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