देश का स्वाभिमान! हमारा अभिमान!!
देश में अनेकों मुद्दे, अनेक है उन पर वाद विवाद!
किसी भी मुद्दे पर तेज़ सियासत का बाज़ार!!
कहाँ है सच समझने वाले!, और किसी भी बात की तह तक जा कर झूठ और सच में अंतर करने वाले? पुलिस प्रशासन हो या कोर्ट कचहरी और सरकार,
कहीं ना कहीं,, बिका हुआ है इन सब का कारोबार!!
व्यक्ति से व्यक्ति....
प्रति व्यक्ति भिन्न है, मन और विचार , छोटी सी बात पर ढेरों लम्बी तकरार।
नही चाहता कोई ! खत्म हो ! कोई भी वाद विवाद!!
क्योंकि फिर शीघ्रता से खत्म हो जाएगा सेवा के नाम पर फैला नेताओ का व्यापार।
मुद्दे इतने भी जटिल नही हुआ करते जितना बना देते है, प्रेस मीडिया और उन पर होते डिबेट हजार!
छोड़िए ऐसी हठों को, जो बर्बाद कर दे आपकी ही आने वाली नश्ल, घर और संसार।
दो कदम आप चलिये, दो कदम चले प्रशासन और सरकार। थोड़ी समझ आप ही पहले दिखाइए,, उतार फेंकिये मतिभ्रम का वो काला चश्मा जो लिया किसी से उधार,,
गहराई से सोचिए !!
उन मुद्दों से जुड़े तर्क और वितर्क जिन पर आये दिन आप और हम करते है बेवजह की तोड़ फोड़ और अनशन हजार। बर्बाद करते है विरासतों को जो मूक खड़े आपकी ही शान बढ़ा रहे सदियों से।
थोड़ी सी संयम और दूर दृष्टि रखिये!!
आपका हक़ सिर्फ आपको ही मिलेगा,,
वो ऊपर बैठी है सबसे बड़ी सरकार जिसने लिख डाले असंख्य वसीयतों के पुलिंदे और रच डाले हमारी आपकी ही हथेलियों में कर्म और भाग्य की लकीरे बना कर।,,तो यदि आप है सत्य की राह पर तो क्या कर लेगी किसी भी पार्टी की सरकारल।
किन्तु यदि आपके हित में है कोई फैसला तो धैर्य से बार बार सोचिये, क्यों इतना बवंडर बार बार।सही और गलत का निर्णय कीजिये जरूर,, किन्तु सनद रहे देश की आन बान और शान किसी के बहकावे में मत कीजिये बर्बाद।
रखिये धैर्य और किजिये बुद्धि का इस्तमाल!
देश का मान घर के मान से कहीं बड़ा।
देश की प्रगति व्यक्ति की प्रगति से कहीं बड़ी।।
True Lines.
ReplyDeleteThanks.
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